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कंटालिया में बंद मकान में मां-बेटी के शव मिले, 4-5 दिन बाद बदबू आने पर लोगों को पता चला।

कंटालिया में बंद मकान में मां-बेटी के शव मिले, 4-5 दिन बाद बदबू आने पर लोगों को पता चला।


कंटालिया : बगड़ी नगर थाना क्षेत्र के कंटालिया गांव में रविवार रात 70 साल की अमृती देवी पत्नी खींवाराम प्रजापत तथा उसकी 40 वर्षीय दिव्यांग पुत्री रुकिया उर्फ उकड़ी का संदिग्ध परिस्थितियों में शव मकान में ही पड़ा मिला। शव 4-5 दिन पुराने हाेने के कारण सड़कर फूल गए। इनमें कीड़े भी पड़ गए।

वृद्धा का शव रसाेई में ताे पुत्री का शव कमरे में पड़ा था। मृतका और उसकी बेटी दाेनाें अकेले रहते थे। वृद्धा का गाेदपुत्र रमेश कुमार प्रजापत व्यापार के सिलसिले में बेंगलुरू में रहता है। चौंकाने वाली बात ताे यह है कि मृतका का मकान गांव के मुख्य मार्ग पर हाेने के बाद भी दाेनाें के बारे में किसी ने पता नहीं किया। रविवार रात करीब 9 बजे बदबू अाने पर पड़ोसियों ने पुलिस काे बुलाया। साेजत से डीएसपी डाॅ. हेमंत जाखड़ पुलिस दल के साथ माैके पर पहुंचे। शव सड़े-गले हाेने के साथ ही देर रात हाेने के कारण मकान में रखे हैं। डीएसपी का कहना है कि एफएसएल टीम के आने तथा मेडिकल बाेर्ड से पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों पता चल सकेगा। इधर, देर रात एएसपी विपिन शर्मा भी कंटालिया पहुंचकर जानकारी ली।

जिस स्थान पर यह घटना हुई है वह मुख्य बाजार हाेने से व्यस्त रहता है। आसपास बस्ती में मृतका के समाज के मकान भी हैं। 30 नवंबर काे दाेनाें काे आखिरी बार एक सामाजिक कार्यक्रम में देखा गया था। पड़ाेस में रहने वाले लाेगाें ने भी इन दाेनाें 4-5 दिनाें से नहीं देखा था, एेसे में उनके घर जाकर पता करने का भी किसी ने प्रयास नहीं किया। मकान के दाे दरवाजे हैं। इसमें एक दरवाजे पर ताला था। दूसरे की कुंडी अंदर से बंद थी। पुलिस इसकाे लेकर भी हैरत में है। अधिकारियों का कहना है कि अक्सर महिलाएं एक ही मकान में बंद नहीं रहती हैं। गांवाें में ताे यह कल्चर भी है कि दिन में वक्त मिलने पर वे एक-दूसरे के घर जाकर बतियाती भी हैं। ऐसे में किसी काे दाेनाें के बारे में 4-5 दिन तक पता नहीं चलना, सवाल खड़े कर रहा है।

तीन साल पहले रुकिया मेले में गिरी, मवाद पड़ने पर पैर कटा, दो साल से मां के साथ रह रही थी बताया जाता है कि रुकिया की शादी पड़ाेस के गांव सवराड़ में ही हाे रखी है। उसके भी काेई संतान नहीं है। वह दाे साल से मां के घर पर ही रहती थी। करीब 3 वर्ष पहले रावण का मेला देखने के लिए थी। वहां बस से गिरने के कारण पैर में चाेट आई थी। मवाद पड़ने के बाद उसका पैर काटना पड़ा था। पीएम के बाद होगा खुलासा, शव करीब 4- 5 दिन पुराने हैं। फिलहाल दाेनाें काे मकान में ही सुरक्षित रखा है। एफएसएल टीम काे बुलाया गया है। अभी माैत के कारणाें के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता। पीएम के बाद ही इसका खुलासा हाे पाएगा। डाॅ. हेमंत जाखड़, डीएसपी, साेजत


1. मुख्य बाजार में मकान, आसपास बड़ी बस्ती, लाेगाें की हर वक्त आवाजाही, मुख्य मार्ग पर भी चहल-पहल रहती है।

2. मकान के दाे दरवाजे, एक पर ताला, दूसरे की कुंडी अंदर से बंद, ऐसे में काेई अनहाेनी काे अंजाम देकर जा भी सकता है।

3. महिला के काेई बेटा नहीं, परिवार से ही युवक काे बेटे के रूप में गाेद ले रखा है, इसके चलते काेई रंजिश-विवाद ताे नहीं।

4. दाेनाें शव अलग जगह मिले। रसोई में आटा लगा हुआ था। संभवतया वृद्धा रोटी बना रही थी। ऐसे में खुदकुशी कैसे करती?