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3 साल की उम्र में माता-पिता ने छोड़ा था साथ, नाना-मामा ने बिंदौरी निकाली तो देखने आया पूरा शहर

3 साल की उम्र में माता-पिता ने छोड़ा था साथ, नाना-मामा ने बिंदौरी निकाली तो देखने आया पूरा शहर

झुंझुनूं : राजस्थान के झुंझुनूं की बेटी गरिमा छह दिसंबर को शादी के बंधन में बंधने जा रही है. गरिमा ढाई - तीन साल की थी, तब उसकी मां शशि का निधन हो गया था. पिता ने भी गरिमा का साथ छोड़ दिया तो नाना किशनलाल जांगिड़ उसे अपने साथ झुंझुनूं शहर में ले आए. यहां पर किशनलाल जांगिड़ ने गरिमा में ही अपनी दिवंगत बेटी शशि का अक्स देखा और उसे बेटी की तरह पाला, पढ़ाया और बड़ा किया
अब जब उसकी शादी का वक्त आया तो भी उसे किसी प्रकार की कोई कमी नहीं महसूस होने दी. झुंझुनूं के हाउसिंग बोर्ड में बीती रात जब डीजे की धुन में घोड़ी पर गरिमा बैठी तो हर कोई उसे देखने के आ पहुंचा सिर पर पिंक कलर का साफा और कमर में दुल्हों की तरह कटारी टांगे गरिमा मानों बेटा - बेटी एक समान का संदेश दे रही हो. इस दौरान उसकी सहेलियां, परिवार में बहनें, मामा और परिवार के लोग जमकर नाचे. जिन्हें देखकर हर कोई खुश था, गरिमा ने बताया कि तीन साल की थी, तभी उसकी मां का निधन और पिता का साथ छूट गया था, तब तो कुछ नहीं पता था लेकिन जब बड़ी हुई तो हर वक्त यह डर रहता था कि नाना - मामा उसकी ख्वाहिशें पूरा करेंगे भी या नहीं लेकिन पढ़ाई की बात हो या फिर और कोई ख्वाहिश, हर ख्वाहिश को नाना - मामा ने पूरा किया. अब जब कल वह इस घर से नए जीवन के लिए विदा होगी तो भी उसके एक बार बोलने पर ही हाथों हाथा नाना - मामा ने बिंदौरी की तैयारी कर डाली तैयारी ही नहीं, बल्कि खुद भी खुशी में नाचे तो उसे भी काफी अच्छा लगा गरिमा ने बताया कि इन दिनों शेखावाटी में बेटियों के घोड़ी पर बैठकर बिंदौरी निकालने का जो ट्रेंड चला है, उससे हर बेटी को गर्व के साथ - साथ वो खुशी मिल रही है, जिसको शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है