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इंटरनेट बंद करने से पहले जनता को बताना होगा, संभागीय आयुक्तों को मिली पुन: शक्तियां, पढ़ें पूरी खबर यहां से।

इंटरनेट बंद करने से पहले जनता को बताना होगा, संभागीय आयुक्तों को मिली पुन: शक्तियां, पढ़ें पूरी खबर यहां से।

जयपुर : प्रदेश में परीक्षाओं के दौरान इंटरनेट बंद करने को लेकर नए सिरे से संभागीय आयुक्तों को शक्तियां दी है, गृह विभाग से जारी आदेशों में संभागीय आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि इंटरनेट बंद करने से पहले जनता को बताना होगा।

गौरतलब है कि प्रदेश में इंटरनेट बंद करने को लेकर लोगों में असंतोष फैला हुआ है। प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान नकल और अन्य गड़बड़ियां  रोकने के लिए इंटरनेट बंद किए जा रहे हैं. हालात यह है कि पिछले कुछ समय में इंटरनेट बंद करने के मामले ज्यादा बढ़ गए हैं। चार दिन तक सुबह से शाम तक इंटरनेट बंद किए गए हैं, इससे परीक्षा के दौरान नकल रुकी या न रूकी, लेकिन लोगों को आवश्यक कामों के लिए भी परेशानी उठानी पड़ी।

हाईकोर्ट में दायर है पीआईएल

वहीं दूसरी ओर कोर्ट में भी इस सम्बंध में पीआईएल दायर की गई है. इनमें जोधपुर हाईकोर्ट में एक तथा जयपुर हाईकोर्ट में दो पीआईएल दायर की गई है। इन पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. वहीं, सरकार की ओर पक्ष रखने के लिए गृह विभाग ने संभागीय आयुक्तों को नए सिरे से इंटरनेट बंद करने की शक्तियां देने के आदेश जारी किए हैं।

केवल पब्लिक इमरजेंस तथा जन सुरक्षा के लिए इंटरनेट बंद

प्रमुख शासन सचिव गृह की ओर से 23 नवम्बर को जारी आदेश में कहा गया है कि दूरसंचार अस्थाई सेवा निलम्बन (लोक आपात या लोक सुरक्षा ) नियम 2017 के नियम 2 (1) की आधार पर संभागीय आयुक्त जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर, अजमेर तथा बीकानेर को दूरसंचार सेवाओं के अस्थाई निलम्बन की शक्तियां दी गई है। आदेश में कहीं भी परीक्षा के दौरान इंटरनेट बंद करने का जिक्र नहीं किया गया है, केवल संभागीय आयुक्तों को उनके क्षेत्राधिकार में लोक आपात और लोक सुरक्षा की स्थिति में दूरसंचार सेवाओं के अस्थाई निलम्बन की शक्तियां देने की बात कही है।

पूर्व के आदेशों पर अतिक्रमण

प्रमुख सचिव गृह की ओर से जारी आदेशों में विभाग की ओर से 2 सितम्बर 2017, 22 अक्टूबर 2018,  24 सितम्बर 2021 तथा 22 अक्टूबर को जारी एडवाइजरी को अतिलंघित किया है, अर्थात ये आदेश नए आदेशों को प्रभावित नहीं करेंगे।

वेबसाइट पर अपलोड करेंगे आदेश

आदेश में संभागीय आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि इन शक्तियों का का प्रयोग करने पर कोई आदेश पारित किया जाता है तो उसे जनसामान्य के लिए सार्वजनिक किए जाए तथा उसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाए, इस सम्बंध में दूरसंचार मंत्रालय को भी आदेश की प्रति भेजी गई है।