सेटअप परिवर्तन स्थगित:48 हजार नए शिक्षक लगाने के लिए करना था सेटअप परिवर्तन, 24 मई से काउंसलिंग थी, अब समय लगेगा
बीकानेर : 28 हजार शिक्षकों काे इच्छा के विरुद्ध माध्यमिक में भेजने की तैयारी थी, विराेध के बाद बैकफुट पर आया विभाग
राज्य के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 28 हजार शिक्षकों के स्कूल अभी नहीं बदले जाएंगे। शिक्षक संगठनों के विरोध के बाद रविवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने 6(3) के तहत प्रस्तावित सेटअप परिवर्तन की प्रक्रिया को आगामी आदेशों तक स्थगित कर दिया है। सेटअप परिवर्तन की नई तिथियां फिलहाल तय नहीं की गई हैं।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने इस संबंध में समस्त डीईओ माध्यमिक को आगामी आदेशों तक सेटअप परिवर्तन की प्रक्रिया नहीं करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, 11 मई को जारी सेटअप परिवर्तन के कैलेंडर के मुताबिक 23 मई तक तृतीय श्रेणी शिक्षकों के रिक्त पदों की सूचना विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करनी थी। वहीं 6(3) में चयनित शिक्षकों की काउंसलिंग 24 से 26 जून को प्रस्तावित थी। लेकिन यह प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही विभिन्न शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया।
क्या है 6(3) का नियम : नियमों के मुताबिक माध्यमिक सेटअप के स्कूलों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती नहीं होती है। प्रारंभिक सेटअप के वरिष्ठ तृतीय श्रेणी शिक्षकों को 6(3) में चयनित करके माध्यमिक स्कूलों में भेजकर रिक्त होने वाले पदों पर नए शिक्षकों को नियुक्त किया जाता है। इस साल भी लेवल वन और लेवल सेकंड के 48 हजार तृतीय श्रेणी पदों पर भर्ती होनी है।
माध्यमिक सेटअप में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पद
स्वीकृत 92963
कार्यरत 64328
रिक्त 28635
यह है विरोध का कारण: उधर, शिक्षक संगठनों का कहना है कि अध्यापकों को बिना किसी कारण के दूसरे स्कूल में भेजकर उनके स्थान पर नई नियुक्तियां करना उचित नहीं है। सभी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 का पाठ्यक्रम, कक्षा शिक्षण, स्कूल समय और मूल्यांकन पद्धति समान है। वहीं नव नियुक्त और पुराने शिक्षकों की योग्यता भी सामान है। ऐसे में सेटअप परिवर्तन के बजाय माध्यमिक शिक्षा के रिक्त पदों को नई भर्ती में शामिल करने का प्रावधान करना चाहिए।
शिक्षक नेता बोले-सेटअप परिवर्तन करना शैक्षणिक रूप से गलत
सेटअप परिवर्तन किया जाना शैक्षणिक दृष्टि से गलत है। माध्यमिक के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती करने से प्रतिवर्ष लगने वाले प्रशासनिक समय की बचत होगी और अनावश्यक न्यायालय वाद भी नहीं होंगे। -महेंद्र पांडे, महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी पदों पर तीन साल की पदोन्नति बकाया है। शिक्षा विभाग को पहले डीपीसी करनी चाहिए। इससे तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्पष्ट रिक्त पदों की स्थिति सामने आएगी। -श्रवण पुरोहित, प्रदेश मंत्री, शिक्षक संघ शेखावत
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लंबे समय से तबादले नहीं हुए हैं। राज्य सरकार को चाहिए पहले तबादले करे उसके बाद 6(3) की प्रक्रिया अपनाई जाए। वही सेटअप परिवर्तन में प्रारंभिक के शिक्षकों को विकल्प भी दिया जाना चाहिए कि माध्यमिक में जाना चाहते हैं या नहीं। -किशोर पुरोहित, प्रदेश संरक्षक, शिक्षक संघ भगत सिंह