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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुपारस भण्डारी के आश्वासन पर निगम कर्मचारियों ने हडताल स्थगित की

 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुपारस भण्डारी के आश्वासन पर निगम कर्मचारियों ने हडताल स्थगित की

जोधपुर विद्युत वितरण निगम द्वारा पाली शहर को निजी कम्पनी को ठेके पर देने की निकाली गई निविदा के विरोध में पिछले 8 सितम्बर से बिजली कर्मचारियों द्वारा कलेक्ट्रेट के सामने दिये जा रहे धरने को आज उनकी मांगों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुपारस भण्डारी एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मध्य हुई चर्चा एवं उक्त प्रकरण की जाॅंच सी.एम. के प्रमुख शासन सचिव कुलदीप रांका को दिये जाने व निविदा तिथि को आगे बढ़ाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुपारस भण्डारी, जोधपुर के आश्वासन पर जोधपुर डिस्काॅम विद्युत वितरण निगम, वृत्त पाली के अधीक्षण अभियन्ता जेठाराम चैधरी व सेवा और संकल्प महासमिति के अध्यक्ष जबरसिंह राजपुरोहित के सानिध्य में आज शनिवार 24 सितम्बर को धरना कार्यक्रम समाप्त कर सभी कर्मचारी ड्यूटी पर लौटे।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुपारस भण्डारी ने कहा कि देश की आजादी से लेकर 21वीं सदी तक इन 70 वर्षो में कांग्रेस ने देश में बड़ी-बड़ी संस्थाओं का निर्माण किया, आज उन संस्थाओं को केन्द्र की मोदी सरकार निजीकरण करके बेचने के कामों में लगी हुई है जिसका राष्ट्र व्यापी विरोध कांग्रेस पार्टी कर रही है और करती रहेगी परन्तु राजस्थान में कांग्रेस निजीकरण के पक्ष में नहीं है और पाली शहर के निजीकरण का निर्णय बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों की कार्यवाही का नतीजा है जो उचित नहीं है जबकि ऐसी कार्यवाही सरकार के संज्ञान में निजीकरण का निर्णय नहीं है। पाली शहर के निजीकरण का मामला सामने आते ही मैंने तुरन्त मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सम्पूर्ण लाभ-हानि की स्थिति समझाई। जिस पर मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने प्रमुख शासन सचिव कुलदीप रांका की निगरानी में उक्त प्रकरण की जांॅच करवाई जा रही है तथा उक्त प्रकरण को अगली तारीख तक लम्बित कर जाॅंच पश्चात् निस्तारित किया जायेगा।

धरना स्थल पर जनता की ओर से सेवा और संकल्प महासमिति के अध्यक्ष जबरसिंह राजपुरोहित, गुलाम मुस्तफा, फारूक भाई, चन्द्रपालसिंह राजपुरोहित, श्रीमती लहर कंवर राठौड़, श्रीमती मंजुलता परिहार, एड़वोकेट एम.एम. बोड़ा ने उपस्थित पदाधिकारियों का फुल-मालाओं से सम्मान किया तथा धरने को सम्बोधित करते हुए राजपुरोहित ने कहा कि निजीकरण जनता के लिए घातक है व जनता स्वयं निजीकरण के विरू( संघर्ष पर आमादा है। निकट भविष्य में यदि विद्युत विभाग निजीकरण का प्रयास करेगी तो जनता आने वाले समय में अपने स्तर पर जन आन्दोलन करेगी। राजपुरोहित ने निजीेकरण की गम्भीरता को समझकर कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व वरिष्ठ नेता सुपारस भण्डारी का आभार प्रकट किया है साथ ही बैठक में अधीक्षण अभियन्ता जेठाराम चैधरी ने कर्मचारियों के विभिन्न सुझावों पर सहमति जताई।  

बैठक को संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष हेमन्त पटेल, महामंत्री राजेश मेवाड़ा, संरक्षक सुरेश सत्यानी, वरिष्ठ सलाहकार कौशल किशोर शर्मा, उपाध्यक्ष भैरूलाल कलाल, मोतीलाल शर्मा, कोषाध्यक्ष महेश जाॅंगीड़ ने कर्मचारियों की एकता एवं लम्बे समय तक संयुक्त रूप से धरना कार्यक्रम को सफल बनाया, उसके लिए धन्यवाद देकर पूरी क्षमता के साथ प्रभावी काम करके निगम को लाभ में पहूॅंचाने का आव्हान किया।