देश भर के संस्थानों में सत्र 2022-23 से नया सिलेबस:एमबीबीएस के बाद बीएससी नर्सिंग विद्यार्थी भी नैतिकता का पाठ पढ़ेंगे, परीक्षा में नंबर की बजाय ‘क्रेडिट अंक’
जयपुर : साल भर में एक बार परीक्षा लगने की बजाय अब सेमेस्टर सिस्टम और पढ़ाई में नंबर की बजाय क्रेडिट अंक मिलेंगे।
एमबीबीएस के बाद अब बीएससी नर्सिंग के विद्यार्थियों को भी मेडिकल एथिक्स यानि चिकित्सा नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा। फोरेंसिक और सूचना प्रौद्योगिकी युग को देखते हुए इंफोर्मेटिक्स शामिल किया गया है। थ्योरी की बजाय प्रेक्टिकल पर विशेष फोकस रहेगा। साल भर में एक बार परीक्षा लगने की बजाय अब सेमेस्टर सिस्टम और पढ़ाई में नंबर की बजाय क्रेडिट अंक मिलेंगे।
इंडियन नर्सिंग काउंसिल, नई दिल्ली ने नई बीमारियां, इलाज, शोध और जांच की तकनीक के आधार पर करीबन 70 साल बाद बीएससी नर्सिंग कोर्स के सिलेबस में बदलाव किया है। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर समेत देश भर के बीएससी नर्सिंग की मान्यता देने और परीक्षा आयोजित कराने वाले संस्थानों को सिलेबस में बदलाव सत्र 2022-23 से लागू करना होगा। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर मान्यता प्राप्त संस्थानों में बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए सीटों की संख्या 7515 है।
ऐसा होगा नया सिलेबस
प्रेक्टिकल का 10% हिस्सा सिमुलेशन लैब में पढ़ाया जाएगा। कंप्यूटर पर काम करते समय ऐसा लगेगा जैसे वास्तविक रूप से देख रहे हैं।
12वीं में विज्ञान पढ़ने वाले विद्यार्थी ही बीएससी नर्सिंग कर सकेंगे। 50 फीसदी अंक लाने वाला ही प्रवेश ले सकेगा।
लिखित असाइमेंट, प्रजंटेशन, ग्रुप प्रोजेक्ट वर्क और रिपोर्ट के आधार पर मूल्यांकन
स्टूडेंट को अनिवार्य मॉड्यूल में पास होने के साथ ही पासिंग मार्क्स 50% लाना जरूरी
थ्योरी पेपर 75 फीसदी का होगा, जिसमें मल्टीपल चॉइस प्रश्न शामिल
नर्सिंग कॉलेजों में कम से कम 100 बेड का अस्पताल
इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने नई सोच, मरीजों की सेवा और तकनीक के साथ बीएससी नर्सिंग सिलेबस में बदलाव किया है। पढ़ाई में नंबर की बजाय क्रेडिट अंक मिलेंगे। नए सिलेबस का गजट नोटिफिकेशन जारी किया है।
- डॉ. जोगेन्द्र शर्मा, प्राचार्य (कॉलेज ऑफ नर्सिंग , जयपुर) और सदस्य (आईएनसी)
इंडियन नर्सिंग काउंसिल की ओर से सत्र 2022-23 से नया सिलेबस लागू होगा। इससे नर्सिंग के विद्यार्थियों को थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल पर विशेष फोकस रहेगा। क्वालिटी युक्त शिक्षा लेकर मरीजों की बेहतर चिकित्सा सेवा कर सकेंगे।
- डॉ. शशिकांत शर्मा, सहायक रजिस्ट्रार, आरयूएचएस

