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मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर बसा गांव शाहपुरा

मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर बसा गांव शाहपुरा

 

पलसाना : ग्राम पंचायत ठीकरिया के लघु आदर्श ग्राम में चयनित ग्राम शाहपुरा विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर बसा हुआ है। जानकारी के अनुसार ग्राम शाहपुरा म़े मिडिल स्कूल है ।जहां पर पर्याप्त कक्षा कक्ष एवं अध्ययन की बेहतरीन व्यवस्था है ।विद्यालय के शिक्षक श्रवण कुमार साखुनिया एवं स्काउटर कैलाश चंद बड़वा के सानिध्य में सैकड़ों पेड़ लगाए गए, जहा सघन वृक्षारोपण के चलते विद्यालय हरियाली से आच्छादित है । वहीं शिक्षकों के प्रयास से विद्यालय में नामांकन का स्तर भी काफी बढ़ाया गया । मगर इस विद्यालय को सेकेंडरी में क्रमोन्नत नहीं करने के कारण यहां के विद्यार्थियों को उच्चतम कक्षा में अध्ययन के लिए मंडा ठिकरिया पलसाना रींगस जाने को मजबूर होना पड़ता है । जिससे अनेक बच्चे तो पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं विशेषकर छात्राएं । वही गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है। जहां एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता कार्यरत है ।हॉस्पिटल को क्रमोन्नत कर दिया जाए तो स्थानीय बाशिंदों को काफी राहत मिलेगी। सामोताकाबास से शाहपुरा तक सड़क मार्ग है ।मगर ठिकरिया पंचायत मुख्यालय पावर हाउस से डेड किलोमीटर शाहपुरा तक मोरम एवं रोड़ी कंक्रीट डालकर लिंक रोड बनाई गई । जिसमें जगह-जगह गहरे गड्ढे पड़े हुए हैं । साधन तो दूर पैदल राहगीरों को भी आवागमन में परेशानी होती है। उधर शाहपुरा से चोमू पुरोहितान तक 6 किलोमीटर ग्रेवल से रास्ता पूरी तरह से उबड़ खाबड़ हो गया। जिस को तय करना जी का जंजाल बन गया है ।मगर किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। समस्या नासूर होती जा रही है। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्राचीन भवन की देखरेख न होने से पूरी तरह से जर्जर हो गया है। इस भवन को सामुदायिक विकास भवन बना दिया जाए तो ग्राम वासियों को राहत मिलेगी ।गांव में आवागमन का कोई साधन नहीं है। जिससे गांव विकास की धारा से कोसों दूर चला गया ।पहले रोडवेज की श्रीमाधोपुर डिपो से बस चलती थी, मगर एकाएक बंद हो गई । शाहपुरा के लोगों के लिए अब आवागमन का कोई साधन नहीं है। लोगों को डेड 2 किलोमीटर पैदल चलकर ही शहर में जाने के लिए साधन पकड़ना पड़ता है । गांव की जोहड़ी एवं खारडे की भूमि में जगह-जगह अतिक्रमण से भी लोगों के हौसले बुलंद है। पंचायत ने कई बार प्रयास किए मगर सफलता नहीं मिली। जिससे समस्या यथावत है। गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था के लिए गांव में नाली का अभाव है। जिससे गांव में गंदा पानी आम रास्ते पर एकत्रित रहता है।



पवन कुमार शर्मा