खाद्य सुरक्षा योजना मे 28 दिनों में 14 लाख से ज्यादा लोगों ने किया आवेदन
जयपुर : 2 साल के इंतजार और काफी जद्दोजहद के बाद करीब 15 लाख परिवारों ने खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया, 3 अप्रैल से खाद्य सुरक्षा के पोर्टल खुलने के साथ ही खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने वालों की बाढ़ सी आ गई, 28 दिनों में बार-बार सर्वर ठप्प होने के बावजूद योजना से वंचित लोगों ने हार नहीं मानी. यही कारण रहा की नाम जुड़वाने वाले परिवारों के आवेदन का आंकड़ा 14.86 लाख पहुंच गया है
40 डिग्री से ज्यादा का तापमान और ई-मित्र का बार-बार ठप होता सर्वर, लेकिन सस्ता अनाज लेने के लिए खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने वाले वंचित परिवारों की लाइन कम नहीं हुई. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने के लिए नागौर के रहने वाले लोग सबसे आगे है. यही कारण है कि राज्य सरकार की ओर से पिछले दिनों मांगे गए ऑनलाइन आवेदन में सबसे ज्यादा फॉर्म नागौर जिले से आए हैं
वहीं, सबसे कम आवेदन प्रतापगढ़ जिले से मिले है। सरकार ने 10 लाख यूनिट्स (एक यूनिट्स यानी एक व्यक्ति) का नाम जोड़ने के लिए यह आवेदन मांगे थे, जिसके लिए पूरे प्रदेश से कुल 14.86 लाख परिवार ने आवेदन किया है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में मौजूदा वित्त वर्ष में 10 लाख लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा की सूची में जोड़ने की घोषणा की थी।
इसके बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग 3 से 30 अप्रैल तक खाद्य सुरक्षा में नाम जोड़ने के लिए पोर्टल खोला था, इन 28 दिन के अंदर कुल 14 लाख 86 हजार 195 परिवारों ने आवेदन किया हैं. इन परिवारों में कुल कितने व्यक्ति मैंबर है, इसकी जानकारी तो आवेदन पत्रों की जांच के बाद ही सामने आएगी और लोगों की संख्या के हिसाब से कुल 10 लाख लोगों के नाम सूची में जोड़े जाएंगे।
राज्य में 28 दिनों में मिले कुल आवेदनों में से 6.60 फीसदी आवेदन नागौर जिले से मिले हैं. यहां से कुल 98 हजार 227 लोगों ने आवेदन किए हैं. इसके बाद दूसरे सबसे ज्यादा आवेदन वाले जिलों की सूची में जयपुर का नंबर है, जहां से कुल 94 हजार 831, जबकि बाड़मेर से 91 हजार 34 आवेदन आए है, जो तीसरे नंबर पर है. वहीं सबसे कम प्रतापगढ़ जिले से 16 हजार 888 आवेदन आए हैं।
गौरतलब है कि शनिवार तक पोर्टल खुला रहा, इस दौरान वंचित परिवार खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किए। इसके बाद पोर्टल बंद हुआ. अब पोर्टल बंद होने के बाद एसडीएम लेवल पर इन आवेदन की जांच होगी, जिसमें गलत कागज लगाने वालों के नाम हटाए जाएंगे, जो खाद्य सुरक्षा योजना में जुड़ने योग्य है, उनको ही जोड़ा जाएगा. इसके बाद अगर 10 लाख से कम लोग खाद्य सुरक्षा योजना में जुड़ते हैं, तो विभाग द्वारा फिर से पोर्टल खोलकर आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है
बहरहाल, वर्तमान में राज्य सरकार की खाद्य सुरक्षा सूची में 1.04 करोड़ से ज्यादा परिवार के करीब 4.34 करोड़ लोगों के नाम जुड़े हैं, केन्द्र सरकार की ओर से राज्य को 4.46 करोड़ लोगों के हिसाब से गेंहू के आवंटन का कोटा निर्धारित हैं, इसे देखते हुए सरकार ने 10 लाख नये लोगों को सूची में जोड़ने का निर्णय किया है।