तीसरी लहर का क्या : पंजाब-हरियाणा समेत 9 राज्यों मेंं स्कूल खुले...किसी ने छठी से कम के बच्चे नहीं बुलाए, राजस्थान में क्यों....
नर्सरी से 12वीं तक के बच्चों को स्कूल बुलाने पर न अभिभावक राजी, न टीचर
नर्सरी से 12वीं तक के बच्चों को स्कूल बुलाने पर न अभिभावक राजी, न टीचर
डोटासरा बोले- हमें अन्य राज्यों का पता नहीं, विशेषज्ञों की राय से फैसला लिया
जयपुर : कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच राजस्थान में 2 अगस्त से सभी बच्चों के लिए स्कूल खोलने का ऐलान हो चुका है। चौंकाने वाली बात ये है कि अब तक पंजाब और हरियाणा समेत नौ राज्यों में स्कूल खुलने की घोषणा हुई है, पर किसी भी राज्य ने छठी से नीचे की कक्षाओं के बच्चों को नहीं बुलाया है। अधिकांश राज्यों ने बड़े बच्चों के लिए ही स्कूल खोले हैं। इनमें नवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं शामिल हैं। ऐसे में राज्य सरकार के इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं।
उधर, शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि हमें अन्य राज्यों का पता नहीं है। हमने तो विशेषज्ञों की राय के आधार पर सभी कक्षाओं को एक साथ खोलने का फैसला लिया है। हालांकि, अभिभावक और शिक्षक भी सभी बच्चों के एक साथ स्कूल खोले जाने के पक्ष में नहीं हैं।
शिक्षण संस्थान खोलने की तिथि व एसओपी के लिए 5 मंत्रियों की समिति गठित
सीएम गहलोत ने प्रदेश में शिक्षण संस्थाएं खोलने की तिथि और एसओपी के संबंध में निर्णय लेने के लिए पांच मंत्रियों की एक समिति गठित की है। इसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, शिक्षा राज्यमंत्री गाेविंद डोटासरा, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी व तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग शामिल होंगे। सीएम ने कहा-एसओपी के संबंध में गहन विचार-विमर्श कर निर्णय लेना चाहिए।
कहां-किस कक्षा के स्कूल-कब से शुरू, राज्य कब से कौन सी कक्षाएं
पंजाब 26 जुलाई कक्षा 10 से 12 तक
मध्यप्रदेश 26 जुलाई कक्षा 11 से 12 तक
हिमाचल 2 अगस्त कक्षा 10 से 12 तक
ओडिशा 26 जुलाई कक्षा 10 से 12 तक
छत्तीसगढ़ 2 अगस्त कक्षा 12वीं के लिए
हरियाणा 16 जुलाई छठी से 12वीं तक
गुजरात 15 जुलाई सिर्फ 12वीं के लिए
महाराष्ट्र 15 जुलाई 8वीं से 12वीं तक
बिहार 12 जुलाई 10वीं से 12वीं तक
अभिभावक जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए
सभी कक्षाओं को एक साथ प्रारंभ करने से ना तो स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग ही रह पाएगी और ना ही कोरोना गाइडलाइन का ठीक से पालन हो पाएगा। इसलिए सरकार को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। पहले चरण में बड़ी कक्षाओं के बच्चों को ही बुलाया जाए तो ठीक रहेगा।
- दिनेश कांवट, संयोजक, पेरेंट्स वेलफेयर सोसायटी
शिक्षक एक साथ सबको बुलाना गलत है
स्कूल खोलने का निर्णय सही है, लेकिन एक साथ सभी के लिए स्कूल खोलना गलत है। बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पहले चरण में 9वीं से 12वीं तक के लिए ही स्कूल खुलने चाहिए। इसके बाद स्थिति की समीक्षा के बाद ही अन्य कक्षाओं पर निर्णय लेना चाहिए।
- रवि आचार्य, मंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय)
शिक्षाविद् 3 चरणों में स्कूल खोलने चाहिए
स्कूल 3 चरणों में खोले जाएं। पहले चरण में नवीं से 12वीं, दूसरे में छठी से आठवीं तक। इन कक्षाओं के संचालन में कोई परेशानी न आए तो अन्य छोटी कक्षाओं पर निर्णय लिया जा सकता है। क्योंकि छोटे बच्चों में सोशल डिस्टेंसिंग रखना व मास्क लगवाना मुश्किल काम होगा।
- जेपी सिंघल, शिक्षाविद और पूर्व कुलपति राजस्थान विवि
स्कूल; बच्चों को कोई परेशानी नहीं आने देंगे
पिछले दिनों आईसीएमआर की रिपोर्ट में कहा गया था कि तीसरी लहर का बच्चों पर प्रभाव नहीं होगा। इस आधार पर सभी कक्षाएं शुरू करने की मांग की थी। हम गाइडलाइन का पूरा पालन करेंगे। अभिभावकों को आश्वस्त करते हैं कि बच्चों को परेशानी नहीं आने देंगे।
- अनिल शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, स्कूल शिक्षा परिवार