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बोरनाड़ी में सेना के कर्नल की देखरेख में रेस्क्यू जारी, अभी कम से कम 4 दिन और चलेगा रेस्क्यू

30 फीट कच्चे हिस्से को गिराने के लिए जेसीबी से 30 फीट तक खुदाई, बनाएं 100 मीटर लम्बी रेम्प जिससे कुएं से निकाल सके मलवा, अभी कम से कम 4 दिन और चलेगा रेस्क्यू


सोजत रोड थाने के बोरनाड़ी गांव में 8 फीट चौड़े 180 फीट गहरे कच्चे कुएं में डूबे नरेंद्र को खोजने के लिए अब सेना के जवान पहुंचे हैं। जोधपुर से आर्मी के 63 इंजीनियरिंग रेजिमेंट के कर्नल प्रदीप के साथ दो मेजर व 20-22 जवानों की टीम बुधवार देर रात करीब दो बजे बोरनड़ी गांव पहुंची। सेना के अधिकारी व जवानों ने पहुंचते ही मौका मुआयना किया और 50 लोगों की टीम बना कर रेस्क्यू शुरू किया।


कम से कम चार दिन लगेगा मलवा निकालने में

सोजत सीओ हेमंत जाखड़ ने बताया कि जोधपुर से आए सेना के कर्नल प्रदीप की देखरेख में रेस्क्यू जारी हैं। कुएं का ऊपर का करीब 30 फीट हिस्सा कच्चा हैं। इसलिए उसे हटाने के लिए कुएं के आस-पास करीब 100 मीटर जेसीबी व खुदाई कर रेम्प बनाई जा रही हैं। उसके बाद कुएं का ऊपर का कच्चा हिस्सा हटाया जाएगा। उसके नीचे कुआं पक्का हैं। ऐसे में उसके बाद कुएं में पड़ी मिट्टी को बाहर निकालने का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुुआं नदी के पेटा क्षेत्र में आया हुआ हैं। जिसमें बजरी ज्यादा हैं। जिससे कुआं लगातार ढह रहा हैं। ऐसे मे कुएं का ऊपर का 30 फीट का हिस्सा तो हटाना ही पड़ेगा। मौके पर दो पोकलेन मशीन, चार-पांच जेसीबी, ट्रेक्टर आदि मशीनरी लगी हुई हैं। करीब चार दिन लग जाएंगे। कुएं के आस-पास के 100 मीटर तक खुदाई कर रेम्प बनाने में।

17 साल के नरेंद्र के कुएं में गिरने के बाद से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। नरेंद्र की मां इंद्रा देवी मनरेगा में मजदूरी करती है। जबकि उसके पिता पप्पूराम की 14 साल पहले किसी बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। नरेंद्र भी 10वीं में पढ़ता था। कोरोना व लॉकडाउन की वजह से अभी स्कूल बंद थे। ऐसे में वह अपने दोस्त के साथ 500 रुपए की मजदूरी के लिए काम पर चला गया। दो दिन पहले भागीरथ नायक उसके घर आया था और 500 रुपए की मजदूरी की बात कहते हुए नरेंद्र को अपने साथ कुएं की मरम्मत के काम के लिए साथ ले गया, जिसके बाद वहां हादसा हो गया।

8 बहनों का एकलौता भाई था नरेन्द्र

नरेंद्र के मामा ढगलाराम ने बताया कि वह अपने पूरे परिवार में इकलौता बेटा था। उसके पिता पप्पूराम के तीन भाई राजू, तेजाराम, पिताराम भाई है। पप्पूराम की तीन बेटियां है जिनका नाम मनीषा, पूनम, संगीता हैं। जिनमें दो की शादी हो चुकी है तथा संगीता नरेंद्र से छोटी है। मृतक नरेन्द्र के काका व बड़ा पापा के 5 लड़कियां है। वह पूरे परिवार में 8 बहनों का इकलौता भाई था। इस हादसे के बाद पूरे परिवार पर मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

                                                              कुएं में डूबा नरेन्द्र नायक।

ठेकेदार व बेरा मालिक के खिलाफ करवाया मामला दर्ज

इधर कुएं में डूबे नाबालिग नरेन्द्र नायक के मामा ढगलाराम नायक ने ठेकेदार व बेरा मालिक के खिलाफ सोजत रोड थाने में मामला दर्ज कराया। जिसमें बताया कि नाबालिग होने के बाद भी लापरवाही बरतते हुए कुएं की मरम्मत जैसा जोखिम भरा काम उससे करवाया। इस दौरान वह कुएं में मिट्टी ढहने से डूब गया। इधर कुएं में डूबे नरेन्द्र की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका इलाज करवाया जा रहा है और परिजन उन्हें अब भी सांत्वना देने में जुटे हैं।

रेस्क्यू में 50 लोगों की टीम जुटी, मौके पर ग्रामीणों को नहीं आने दिया जा रहा

सीओ हेमंत जाखड़ ने बताया कि मौके पर 50 के करीब आदमियों की टीम जुटी हैं। जो कुएं चारों तरफ खुदाई कार्य कर रहे हैं। यहां तीन-चार जेसीबी 10-12 ट्रेक्टर आदि मशीनरी काम में ली जा रही है।

यह है मामला

मंगलवार 22 जून को बोरनड़ी गांव में चार श्रमिक कुएं मरम्मत का काम कर रहे थे। दो श्रमिक कुएं के बाहर खड़े थे और नरेन्द्र पुत्र पप्पूराम नायक व जीवन पुत्र उम्मेदराम नायक कुएं के अंदर करीब 20 फीट पर मरम्मत कार्य कर रहे थे। इस दौरान अचानक कुएं की मिट्टी उन पर गिर गई। जिससे संतुलन बिगड़ने से नरेन्द्र नायक 180 फीट गहरे कुएं में गिर गया और मिट्टी उसके ऊपर गिर गई। जिससे वह पानी से बाहर नहीं निकल सका। जीवन के हाथ में पाइप आ गया। जिससे वह बच गया था।