पानी में रहने के कारण बॉडी गली, आज सुबह मौके पर होगा पोस्टमार्टम।
बोरनड़ी : बोरनड़ी में 180 फीट गहरे कुएं में डूबे नरेन्द्र का शव आखिरकार 21 दिन बाद सोमवार देर रात नौ बजे के करीब कुएं में नजर आ गया। जिसे देख टीम की चेहरे खुशी से चमक गए। आखिर टीम की मेहनत रंग लाई। कुएं में 21 दिन पड़े रहने से नरेन्द्र का शव काफी गल सा गया था। जिसे काफी सावधानी से निकालने में टीम जुटी रही। मंगलवार सुबह करीब 7 बजे मौके पर ही नरेन्द्र के शव का पोस्टमार्टम करवा बॉडी परिजनों को सौंपी जाएगी।
दिन-रात रेस्क्यू टीम जुटी रही तब जाकर नरेन्द्र का शव कुएं में नजर आया। कुएं से बदबू ज्यादा आने पर टीम ने मुंह पर रूमाल बांध कर जुटी रही। मलबे में दबे रहने से नरेन्द्र का शव काफी गल सा गया था। उसका चेहरा तक पहचान में नहीं आ रहा हैं।
टीम को सलाम
सेना के मेजर मनीष, सीओ सोजत हेमंत जाखड़, विकास अधिकारी किशनसिंह, मारवाड़ तहसीलदार रामलाल मीणा, सवराड़ के पूर्व सरपंच कैलाश मालवीय, बोरनड़ी सरपंच धनसिंह, ग्राम विकास अधिकारी सुमेरसिंह कुम्पावत, अर्जुनसिंह, आरआई माधुसिंह सीरवी, पटवारी अजयसिंह जेतावत आदि बधाई के हकदार हैं। जो पिछले 21 दिनों से इस रेस्क्यू में जुटे रहे और आखिकार नरेन्द्र को कुएं से ढूंढ लिया।
तीन शिफ्ट में जुटी थी पुलिस टीम भी
एसपी कालूराम रावत ने बताया कि सोजत थानाप्रभारी रामेश्वर भाटी, बगड़ी नगर थानाप्रभारी बाबूलाल जांगिड़, सोजतरोड थानाप्रभारी ऊर्जाराम, सिरियारी थानाप्रभारी सुरेश सारण, सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार, आरएसी के 10 जवान भी रेस्क्यू के दौरान तीन शिफ्ट में जुटे रहे। मामले में जिला कलक्टर भी समय-समय पर मौका पर जाकर रेस्क्यू की प्रगति की रिपोर्ट लेते रहे।
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल
जब नरेन्द्र के परिजनों को उसकी लाश नजर आने की खबर मिली तो नरेंद्र की मां व अन्य रिश्तेदारों का रो रो कर बुरा हाल हो गया। नरेन्द्र के जिंदा रहने की उनकी उम्मीद अब खत्म हो गई थी। अन्य रिश्तेदारों ने उन्हें शांत किया तथा सांत्वना देते नजर आए।
8 बहनों का एकलौता भाई था नरेन्द्र
नरेन्द्र के सगी बहनों सहित काका-ताऊ की कुल मिलाकर 8 बहनें थी। जिनका वह अकेला भाई था। उन बहनों तक भी जब यह खबर पहुंची की नरेन्द्र का शव नजर आने लगा हैं तो उनके आंखों से भी आंसू छलक गए।