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वरिष्ठ नागरिक समिति के सभागार में सम्पन्न हुई बैठक।

वरिष्ठ नागरिक समिति के सभागार में सम्पन्न हुई बैठक।


पाली : करणसिंह की चाली स्थित वरिष्ठ नागरिक समिति के सभागार में समिति अध्यक्ष डॉ रामलाल मोहबारशा की अध्यक्षता में मंगलवार को वरिष्ठ नागरिक सदस्यों की बैठक का आयोजन किया गया । बैठक में  सर्वप्रथम श्री हनुमान चालीसा के पाठ के पश्चात अध्यक्ष  ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए  देश व प्रदेश में वर्तमान समय में कोरोना की बढ़ती हुई रफ्तार पर चिंता व्यक्त की गई  व  प्रस्ताव रखा कि सरकारी निर्देशानुसार आगामी दिनों में कोरोना महामारी के संबंध में जारी गाइडलाइन की पालना में वरिष्ठ नागरिकों की बैठक का आयोजन किया जाना संभव नहीं है तथा सभी वरिष्ठजनों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की दृष्टि से भी बैठक करना उचित नहीं  है अतः सर्वसम्मति से यह निश्चित किया गया कि आगामी गाइडलाइंस व समुचित आदेश तक वरिष्ठ नागरिक सदस्यों की  मंगलवार को होने वाली साप्ताहिक बैठक को स्थगित लिया जाकर बैठक नहीं करने का निर्णय लिया गया ।  समिति महामंत्री (शाखाएं)  एलपीआर मेहता ने बताया की वर्तमान में बढ़ रहे कोरोना के मध्य नजर हम सभी वरिष्ठ नागरिकों को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है व हमें इस बीमारी के बारे में अन्य लोगों को भी जागरूक करना चाहिए । बैठक में विशेष रुप से पधारी ब्रह्माकुमारी दिव्या बहन ने आत्मा एवं परमात्मा के बारे में बताया और हमारे जीवन में अध्यात्म एवं ध्यान के महत्व को समझाया । उन्होंने ध्यान की महत्ता के बारे में बतलाते हुए कहा कि मनुष्य का शरीर विनाशकारी है परंतु हमारी आत्मा अविनाशी है इसलिए हमें अपनी आत्मा की शुद्धि व पवित्रता के लिए आत्म चिंतन अवश्य करना चाहिए । उन्होंने कहा कि हमारे भाव यदि शुद्ध है तो हमारी आत्मा भी उसी अनुरूप शुद्ध होगी और हमारे भावों व कर्मों के अनुसार ही आत्मा का नाम  पापात्मा , पावन आत्मा , दुरात्मा , धर्मात्मा ,  पुण्यात्मा व महान आत्मा के रूप में उसकी पहचान होती है ।उन्होंने कहा कि हम आत्मा के रूप में यहां अपना पार्ट प्ले करने आए हैं । मनुष्य जैसा कर्म करता है उसे अगले जन्म में वैसा ही कर्मफल मिलता है । आत्मा का निवास परम शांतिधाम है । आत्मा मनुष्य के विचारों के अनुसार चलती है । हमें अपने विचारों में पवित्रता एवं शुद्धता का भाव रखना चाहिए । जैसे प्रकाश का स्त्रोत सूर्य है , जल का स्रोत पृथ्वी व सागर है तथा आत्मा का स्रोत परमधाम है, अतः जिसका स्रोत जैसा होता है उसी के अनुरूप उसकी गति प्रवाहित होती है । प्रकाश की गति ऊपर सूर्य की ओर व जल की गति नीचे पृथ्वी की ओर होती है । हम आत्मा परमपिता की संतान है । हिंदू , सिख , जैन , बौद्ध , ईसाई व  मुस्लिम आदि सभी धर्मों में ईश्वर की महत्ता के बारे में बताया गया है व  सर्वाधिक चर्चा की गई है  ।ईश्वर सबका माता-पिता , रक्षक व गुरु है । ईश्वर अर्थात परमात्मा ही हमारा पिता है व हम सब इसकी संतान है ।हमारी आत्मा के रूप में मौजूद परमपिता ही सत्य , शिव और सुंदर है । बैठक में  सभी ने एकाग्रचित होकर आंखे बंद कर ध्यान भी किया । सचिव लखपतराज सिंघवी   ने बताया कि  राज्य सरकार द्वारा आगामी शनिवार रात्रि 11 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक जन अनुशासन कर्फ्यू लागू किया गया है जिसके कारण समिति की प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को होने वाली बैठक भी रविवार को  किया जाना संभव नहीं है । इस पर भी चर्चा की गई व निर्णय किया गया कि सरकारी निर्देशानुसार गाइडलाइंस की पालना के साथ इस बारे में  विचार विमर्श किया जाकर माह के अंतिम रविवार से पूर्व  जैसा भी संभव व उचित होगा  उसके अनुसार किसी अन्य दिवस मासिक बैठक का आयोजन सरकारी निर्देशानुसार व कोरोना गाइडलाइन की पालना में सैनिटाइजर व मास्क के प्रयोग एवं दो गज दूरी की पालना के नियमों के साथ आयोजित करने के बारे में आगामी दिनों में विचार विमर्श करके इस संबंध में सभी को बाद में सूचित किया जाएगा । इस अवसर पर समिति सदस्य डॉ. मोतीलाल मेवाड़ा द्वारा सभी सदस्यों को आयुर्वेदिक काढ़ा गर्म स्वास्थ्य पेय पिलाया गया ।  पिछले दिनों समिति के सदस्य सुवालाल पेढ़ीवाल एवं ग्रामीण शाखा के सदस्य के परिवार में हुए निधन पर दिवंगत आत्मा के प्रति शोक संवेदना प्रकट कर उनकी आत्मा की शांति हेतु दो मिनट का मौन रखकर स्वर्गवासी आत्माओ को समिति की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।अंत में समिति सचिव लखपतराज सिंघवी द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ डायरी पैड का वितरण किया गया । बैठक में जिलाध्यक्ष डॉ रामलाल मोहबारशा , वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवरतनमल गुप्ता, महामंत्री (शाखाएं) एल पी आर मेहता, सचिव लखपतराज सिंघवी, प्रवक्ता भंवरलाल मेवाड़ा,  कृष्णचंद्र जोशी, छोटूसिंह उदावत, दिलीपसिंह चौधरी, विमलचंद मेहता, जवानाराम, नरपतसिंह कुम्पावत, सत्यनारायण ओझा, रामलाल बोराणा, कुन्दनसिंह भाटी, लालसिंह, भगवान सहाय ओझा, ओटाराम सोलंकी, मदन गहलोत, बाबूलाल अग्रवाल, श्यामसिंह पंवार आदि अन्य सदस्य उपस्थित रहे ।