"".

Flickr Images

जुलाई से लागू हो गए नये अपराधिक कानून

जुलाई से लागू हो गए नये अपराधिक कानून

देश में बदलें कानून, हत्या की 302 के बजाय 101, ठगी की 420 की जगह अब 318 की लगेगी धारा


पाली : देशभर में सोमवार, एक जुलाई से तीन नए कानून लागू हो गए। इन कानूनों के तहत पुलिस को आरोपी के घर में घुसने तलाशी लेने और हर बरामदगी को वीडियोग्राफी कर मौके पर ही मेमो बनाना होगा और बीडियो एप में अपलोड करने होंगे। 


उप निदेशक अभियोजन राजेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि देशभर में कानूनों में होने वाले बदलाव के तहत अगर पीड़ित चाहेगा तो उसकी ऑनलाइन रिपोर्ट कर सकेगा। साथ ही महत्वपूर्ण प्रकरणों में फोरेंसिक सबूत उठाने एवं वीडियोग्राफी भी महत्वपूर्ण होगी व गिरफ्तारी होने पर सूचना देना अत्यंत आवश्यक होगा। 


उन्होंने बताया कि तीन नए लागू होने वाले कानूनों में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) है, जो ब्रिटिश काल से चले आ रहे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), इंडियन एविडेंस एक्ट और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) कानून की जगह लेंगे। एक जुलाई से पहले वीडियो रिकॉर्डिंग का एप उपलब्ध करवा दिया जाएगा। ट्रायल के जरिए पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग भी दिलवाई जाएगी। हत्या के लिए लगाई जाने वाली आईपीसी की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। वहीं ठगी और धोखाधड़ी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 318, हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब 109 कहलाएगी। दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब 63 होगी, हंगामा के लिए पूरानी धारा 144 अब 187, देशद्रोह के लिए धारा 121 अब 145, राजद्रोह के लिए 124ए अब 150, एंटी नेशनल के लिए धारा 121ए अब 146, मानहानि के लिए धारा 499 अब धारा 354 होगी। 


उन्होंने बताया कि 124ए राजद्रोह, 309 आत्महत्या का प्रयास, 377 अप्राकृतिक रूप से संभोग करना, 310 ठग, 311 ठग हेतु दण्ड़ एवं 497 व्यभिचार की धाराएं हटाई गई है तथा 2(3) चाइल्ड  (बालक-बालिका) 48 भारत में अपराधों का भारत से बाहर दूष्प्रेरण, 69 प्रवंचनापूर्ण साधनों आदि का प्रयोग करके मैथुर करना, 73 न्यायालय की अनुज्ञा के बिना प्रकाशन, 86 क्रूरता, 95 अपराधकारित करने के लिए बालक को भाड़े पर लेना, नियोजित, नियुक्त करना, 103 (2) मॉबलिंचिंग (मृत्यु), 117(4)मॉब लिंचिंग (घोर उपहती), 117 (3) ऐसी उपहति-स्थाई विकलांगता या निरंतर विकृतशील दशा, 111 संगठित अपराध, 112 छोटे संगठित अपराध, 113 आतंकवादी कृत्य, 152 भारत के संप्रभुत्ता, एकता, अखंडता को खतरें में डालने वाले कार्य, 197(1)(डी) भारत संप्रभुता, एकता, अखंडता या सुरक्षा भ्रामक जानकारी, 226 विधिविरूद्ध शक्ति का प्रयोग करने या विरत रहने के लिए आत्महत्या का प्रयत्त, 304 स्नैचिंग (झपटमारी), 305 (बी) उस यातायात के साधन की चोरी जो माल या यात्रियों के यातायात के लिए उपयोग किया होता, 305 (सी) माल या यात्रियों के यातायात के लिए उपयोगी साधन से किसी वस्तु या माल की चोरी, 305 (डी) किसी पूजा स्थल की मूर्ति या प्रतीक की चोरी, 305 (ई) सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकरण की किसी संपत्ति की चोरी तथा 324 (3) सरकारी स्थानीय प्राधिकारी की संपत्ति की रिष्टी जैसी नवीन धाराएं व उप धाराएं शुरू की गई है। 


उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों को मोबाइल से ही वीडियो बनाकर मौके से ही एप पर अपलोड कर स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) व नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को भेजनी होगी। साथ ही 7 साल से ज्यादा की सजा के मामलों की फॉरेंसिक जांच करवानी होगी। उन्होंने बताया कि बीएनएसएस में 533 धाराएं रहेगी, सीआरपीसी की 160 धाराओं को बदल दिया गया है। 9 नई धााराएं जोड़ी और 9 को हटा दिया है। बीएनएस में 356 धाराएं होंगी। आईपीसी की 175 धाराओं में बदलाव किया गया है। 8 नई धारा जोड़ी है। और 22 को हटा दिया है।  भारतीय साक्ष्य विधेयक में 170 धाराएं होंगी। एविडेंस एक्ट में 167 थी। 23 धाराओं में बदलाव किया है। नया कानून मुख्यतः अपराधों की जांच गिरफ्तारी विचारण (ट्रायल) जमानत की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। पीड़ित पक्ष को अनुसंधान की प्रगति के बारे में सूचित करने का तथा उसको प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति निःशुल्क देना का प्रावधान भी किया गया है।.